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September 30.2019
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BHUNESHWAR SHARMA
September 30.2019
BHUNESHWAR SHARMA
आजकल हर कोई करना चाहता है अपना मनपसंदिता काम पर किसने कहा यह होगा इतना आसान। पर अगर किसी ने एहि ठानी की करना ही है एक ही काम तो उससे रोकना हो नहीं पाता आसान भुवनेश्वर जी ने भी चुना अपना मनपसंद काम क्यूंकि उनसे ना हो पायेगा दूसरा कोई काम
भुवनेश्वर जी को शुरू से ही था झंडे बनाने का शौक पर उनको नहीं मिल रहा था कोई ऐसा साधन जिस से सिख पाते अपना मनपसंद काम. उनकी एक ज़िद थी चाहे कुछ भी जाये पर ज़रूर सीखेंगे झंडे बनाना। उनको अपनी यह ज़िद पूरी करने के लिए बहुत मुश्किलों का करना पड़ा सामना पर उन्होंने हार नहीं मानी और 3 साल तक किया सूरत में काम।
बहुत मेहनत और लगन के बाद उन्होंने सिख लिया झंडे बनाना। उनकी यह मेहनत रंग लायी। और आज वह भी दिल्ली में झंडे बनाने के बिज़नेस में बटा रहे है पूरा हाथ।
भुवेन्शर जी ने कभी नहीं मानी हार क्यूंकि उनने खुद पर भरोसा था अगर हर इंसान को खुद पर विश्वास हो तो कोई भी काम हो जाता एकदम आसान। उनकी एक ज़िद ने उनने वही सीखा दिया जो वह शुरू से सीखना चाहते थे। उनकी नज़र में कोई काम छोटा बड़ा नहीं होता ,काम काम होता है
उनके जज़्बे को हमारा सलाम है ।
आजकल वो अपने जैसे लोगो को झंडे बनाना सीखा रहे है ताकि कोई भी अपना मनपसंद काम आसानी से कर पाए।
यह थी भुवेनश्वर जी की कहानी ज़िद की । क्या है आपकी कहानी ज़िद की?